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Monday, October 3, 2011

अक्टूवर २०११ ज्योतिष की नजर से

इस माह सूर्य का कन्या राशि में परिभ्रमण करने से उत्तर के देशो में युद्ध का भय होने से अशांति के योग बनते है। पूर्व तथा दक्षिण के देशों में पीड़ा होने की संभावना है। मंगल (भौम) का कर्क राशि में परिभ्रमण करने से चोरों का भय, आपसी (जनता व सरकार) विरोध होगा। अशुभ फलों की अधिकता रहेगी। शासक निर्बल होंगे।

'कन्या राशि गते ज्ञे हि कांचनं शुद्ध कर्करा।' बुध के कन्या राशि में परिभ्रमण करने से शक्कर एवं सोने के व्यापारी को लाभ होगा। दोनों वस्तुओं के भाव बढ़ेंगे। ये स्थिति छ: माह तक रह सकती है, फिर भाव घटेंगे।

शुक्र का कन्या राशि में भ्रमण का प्रभाव सीधा कृषि पर पड़ेगा। खेती में फसल का नाश होता है। सभी प्रकार के अनाज महंगे होने के योग बनते है। शनि का कन्या राशि में परिभ्रमण करने से मध्यप्रदेश सरकार को सीधा असर पड़ेगा एवं जल पर भी सीधा असर पड़ेगा। पानी के शोषण होने के योग बनते है। इसी के साथ तेज वायु के योग बनते है।

बुध का 11 अक्टूबर को तुला राशि में प्रवेश करने से वर्षा में प्रभाव पड़ेगा एवं पृथ्वी पर क्लेश, अशांति होने की प्रबलता बढ़ेगी। युद्ध का भय बनता है।

4 सितंबर को शुक्र अपनी राशि तुला में प्रवेश करने से शांति एवं आरोग्यता होगी। सूर्य का भी राशि परिवर्तन कर तुला राशि में मध्य माह से प्रवेश होने के प्रभाव से पूर्व के देशों में सुभिक्ष आदि का सुख होगा, दक्षिण तथा पश्चिम के देशों में दुर्भिक्ष का भय, उ‍त्तर के देशों में युद्ध का भय व अशांति होगी।

इस माह सूर्य-बुध-शुक्र के एक ही राशि पर स्थित होने से वर्षा कम होगी। सभी अनाजों के भाव तेज होंगे। इस माह चर्तुग्रही योग बन रहे हैं। इसके प्रभाव से कहीं रक्तपात, कहीं प्राकृतिक प्रकोप की संभावना बनती है।

अक्टूबर माह की कुंडली में ग्रह गोचर पर आकाशीय मंडल के योग से दृष्टि डाले तो सूर्य-बुध एवं शुक्र के एक साथ बैठने से एवं शनि के सूर्य के पीछे होने से कुछ भागों में पानी की कमी, वर्षा का अवरोध होगा। कहीं तेज वायु के साथ छिटपुट बूंदाबांदी होगी।

ऋतु परिवर्तन के लक्षण दिखाई देंगे। शीत में वृद्धि होगी एवं रात्रि के तापमान में गिरावट आएगी। पर्वतीय क्षेत्रों में छिटपुट बूंदाबंदी होगी तथा शीत बढ़ेगी। मैदानी भागों में परिवर्तन आएंगे। तेज आंधी, तूफान से जनजीवन अस्त-व्यस्त होने की संभावना बनती है।

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