Total Pageviews

Saturday, March 31, 2012

राम नाम है सुख का धाम

राम नाम है सुख का धाम  


जो आनंद सिंधु सुख रासी।
सीकर तें त्रैलोक सुवासी ।।

सो सुख धाम राम अस नामा।
अखिल लोकदायक विश्रामा।।

जो आनंद के समुद्र और सुख के भंडार है, जिनके एक बूँद से तीनों लोक सुखी हो जाते हैं, उनका नाम राम है। वे सुख के धाम है और संपूर्ण लोकों को शांति देने वाले है।

तुलसी दास कहत‍े है 'राम' शब्द सुख-शांति के धाम का सूचक है। राम की प्राप्ति से ही सच्चे सुख और शांति की प्राप्ति होती है।

राम सर्व शक्तिमान है। उनके भौहों के तेवर मात्र से सृष्‍टि की उत्पत्ति और विनाश होता है।

तुलसी दास जी कहत‍े है कि
उमा राम की भृकुटि विलासा। होई विश्व पुनि पावइ नासा।।
अर्थात् शिवजी कहते है (माँ पार्वती से)- हे उमा, राम के भौहों के इशारे पर संसार की उत्पत्ति और फिर विनाश हुआ करता है। हमारी आत्मा भी इस सृष्टि को पैदा करने वाले सर्व शक्तिमान परमात्मा का ही अंश है, जैसा कि गोस्वामी तुलसी दास कहते है।

वे कहते हैं कि जीव ईश्‍वर का अंश है। इसलिए वह अविनाशी चेतन, निर्मल और सहज सुख का भंडार है। जीव को सहज सुख प्राप्त करने के लिए मर्यादा पुरुषोत्तम के चरित्र से कुछ प्रेरणा लेना चाहिए। राम एक आदर्श पुत्र के साथ-साथ आदर्श पति व आदर्श भाई भी है। मनुष्य इन आदर्शों को अपने जीवन में अपना ले तो वह सर्व सुखमय हो जाए। परंतु मानव सिर्फ राम की पूजा में लिप्त रहता है, उनके चरित्र को जीवन में नहीं उतारता। सच्ची पूजा वही है, जो राम के चरित्र का अंश मात्र ही अपना ले, तो जीवन धन्य हो जाए।

भक्त को सरल और निष्कपट भाव से सदा संतुष्ट रहना चाहिए। उसे लाभ हानि, सुख-दुख आदि से ऊपर उठ जाना चाहिए। जो प्रभु को सर्वव्यापक मानता है और जिसे हर व्यक्ति में परम पिता का प्रकाश समाया हुआ दिखाई देता है। वह सपने में भ‍ी किसी छल-कपट का व्यवहार नहीं कर सकता।

जो अपनी इच्छा को प्रभु (राम) की इच्छा अधीन कर देता है। उसे लोक-परलोक के सुख प्राप्त हो जाते है और वह अनंत राम यानी प्रभु में समा जाता है।

अत: राम नवमी के दिन हम प्रभु श्रीराम के चरित्र का सिर्फ गुणगान न कर, उनके चरित्र से कुछ ग्रहण करके अपने जीवन को धन्य बनाएँ और प्रभु में लीन हो जाएँ।

Friday, March 30, 2012

राम नवमी पर विभिन्न राशि के जातक क्या करें :-

श्री शुभ २०६९ शक:१९३४ में अर्थात इस वर्ष शनि तुला राशि में रहेंगे! जिससे कन्या,तुला एवं वृश्चिक राशि
वालो को शनि की साढ़े साती रहेगी! कन्या राशि वालो को शनि की उतरती साढ़े साती का प्रभाव रहेगा!
रजतपाद होने से शनि लाभप्रद होगा! तुला राशि को लोह्पद से साढ़े साती का प्रभाव विरोध,हनी,मतभेद,
मानसिक क्लेश एवं प्रत्यारोप वाला रहेगा!  वृश्चिक राशि के लिए ताम्रपाद होने लाभ हनी सामान रूप से रहेगी!
अत: रामनवमी पर राम जी के साथ उपरोक्त राशि वाले हनुमान जी की सेवा,अर्चना करे तो अत्यंत लाभ मिलेगा!  देखे १२ राशि वाले जातक रामनवमी पर क्या आराधना करे!

मेष- श्रीराम रक्षा स्त्रोत का पाठ!

वृषभ-राम जानकी स्त्रोत करे ! 

मिथुन- इंद्रकृत रामस्त्रोत का पाठ !

कर्क-राम स्तुति एवं शिवाष्टक का पाठ करे!

सिंह- श्री रामाष्ट्‌कम का पाठ।

कन्या- श्रीराम के साथ हनुमानाष्टक का  पाठ।

तुला- श्री हनुमान के लिए  वजरंगवान का पाठ करे!

वृश्चिक- रामायण का अयोध्याकांड  का पाठ करे!

धन-श्री रामस्त्रोत का पाठ करे !

मकर-  श्री रामरक्षा स्त्रोत कवच का पाठ!

कुंभ- सुंदरकांड का पाठ करे! 

मीन-जानकी के साथ रामजी की स्तुति करे!

Friday, March 23, 2012

गणगौर उत्सव


गणगौर उत्सव राज्यस्थान एवं निमाड़ का
पर्व है ! यह त्यौहार शिव एवं पार्वती के आपसी रिस्तो पर आधारित है अर्थात शिव  पार्वती का पूजन इस त्यौहार में होता है
चेत्र वदी ११ से इस त्यौहार की शुरुवात होती है. अमावस्या को घुन्घरती है.( विशेष भोग लगता है,लापसी एवं गुड का)
 एवं चेत्र सुदी २ के दिन पाठ बैठती है, मतलब श्रंगार होता है, माता जी का ! चेत्र सुदी ३ को विशेष पूजन होता यह दिन 
गणगौर तीज के नाम जाना जाता है. इस दिन महिलाये गणगौर का पूर्ण मन से पूजन करती है! फिर विसर्जन होता है!

नवरात्रि में करे राशी अनुसार दी आराधना

नवरात्रि में करे राशी अनुसार दी आराधना -->
प्रत्येक मनुष्य को अपने जीवन में सुख यश-वैभव,आर्थिक-मानसिक 
एवं शारीरिक सुख की चाहत रहती है!नवरात्री में करे उपरोक्त सुख पाने के लिए राशी अनुसार देवी आराधना !
 मेष --> ॐ शिवाय नम:
वृष--> ॐ मातंगी नम:
मिथुन-->ॐ शिव शक्त्यै नम:
कर्क-->ॐ आनन्द लक्ष्मी नम:

सिंह-->ॐ दीप लक्ष्मी नम:
कन्या-->ॐ सर्वमन्त्र मयी  नम:
तुला-->ॐ अम्बे नम:
वृश्चिक-->ॐ जयंती नम:
धनु-->ॐ विधा लक्ष्मी नम:
मकर-->ॐ आध नायकायी नम:
कुंभ  -->ॐ  शाम्भवी नम:
मीन-->ॐ कात्यायनी नम: 
उपरोक्त मन्त्र प्रत्येक राशी वाले  ११ माला रोज करे,यदि इतनी न हो पाए तो १ माला अवस्य करे! यह आराधना प्रथम दिन से न क्र पाए तो दुसरे दिन से भी क्र सकते है! आपके मनोरथ भगवती पूर्ण करेगी ! यही कमाना है!

नववर्ष २०६९

Durga Puja method नववर्ष संवत २०६९ आप सबके के लिए मंगलमय हो,
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 नववर्ष २०६९ आप सबके के लिए मंगलमय हो.एवं गुडी पड़वा की शुभ कमाना !
 
 
Durga Puja method
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

Thursday, March 22, 2012

भगवान्‌ श्रीकृष्ण ध्दारा देवी आराधना











भगवान्‌ श्रीकृष्ण माता की स्तुति में कहते हैं-

त्वमेव सर्वजननी मूलप्रकृतिरीश्वरी।
त्वमेवाद्या सृष्टिविधौ स्वेच्छया त्रिगुणात्मिका॥

कार्यार्थे सगुणा त्वं च वस्तुतो निर्गुणा स्वयम्‌।
परब्रह्मास्वरूपा त्वं सत्या नित्या सनातनी॥

तेजःस्वरूपा परमा भक्तानुग्रहविग्रहा।
सर्वस्वरूपा सर्वेशा सर्वाधारा परात्पर॥

सर्वबीजस्वरूपा च सर्वपूज्या निराश्रया।
सर्वज्ञा सर्वतोभद्रा सर्वमंगलमंगला॥।

तुम्हीं विश्वजननी मूल प्रकृति ईश्वरी हो, तुम्हीं सृष्टि की उत्पत्ति के समय आद्याशक्ति के रूप में विराजमान रहती हो और स्वेच्छा से त्रिगुणात्मिका बन जाती हो। यद्यपि वस्तुतः तुम स्वयं निर्गुण हो तथापि प्रयोजनवश सगुण हो जाती हो।

तुम परब्रह्मस्वरूप, सत्य, नित्य एवं सनातनी हो। परम तेजस्वरूप और भक्तों पर अनुग्रह करने हेतु शरीर धारण करती हो। तुम सर्वस्वरूपा, सर्वेश्वरी, सर्वाधार एवं परात्पर हो। तुम सर्वाबीजस्वरूप, सर्वपूज्या एवं आश्रयरहित हो। तुम सर्वज्ञ, सर्वप्रकार से मंगल करने वाली एवं सर्व मंगलों की भी मंगल हो।

नवरात्रि पर्व पर श्रद्धा और प्रेमपूर्वक महाशक्ति भगवती देवी की उपासना करने से यह निर्गुण स्वरूपा देवी पृथ्वी के सारे जीवों पर दया करके स्वयं ही सगुणभाव को प्राप्त होकर ब्रह्मा, विष्णु और महेश रूप से उत्पत्ति, पालन और संहार कार्य करती हैं।

Wednesday, March 7, 2012

।होली पर करे राशि अनुसार प्रभु की आराधना

होली का त्यौहार जीवन में  खुशी के रंग भरने वाला त्यौहार है. इस त्यौहार के दिन राशि अनुसार  प्रभु आराधना करके जीवन  को आनन्द एवं उमंग  वाला बनाये !



मेष :  'ॐ गं गणपते नमः',

वृष : गायत्री मंत्र का जाप करें।

मिथुन: ॐ नम: शिवाय का जाप करे.

कर्क : ॐ ऐं ह्नी क्लीं चामुंडाय नमः' मंत्र का जाप करें।


सिंह : आदित्य स्तोत्र का पाठ करे, एवं ॐ  का उच्चारण २१ बार करे!

कन्या : 'ॐ नमः नारायणाय' मंत्र का जाप आरंभ करें।

तुला : ॐ क्लीं कृष्णाय नमः का जप करें।

वृश्चिक : ॐ नमः भगवते वासुदेवाय' का जाप करें।

धनु : गायत्री मंत्र का जाप करें।

मकर : हनुमान चालीसा का पाठ करे!

कुंभ : 'ॐ गं गणपते नमः',एवं शिवाष्टक का पाठ करे!

मीन : ॐ श्री क्षीं क्लीं' मंत्र का जाप करें।

Tuesday, March 6, 2012

होली खेले राशि अनुसार -->




मेष :मेष   राशि वाले जातक प्रात: होली का पूजन करे,इसी के साथ भगवान शिव के दर्शन करे! होली खेलने के
लिए लाल रंग या लाल गुलाल का प्रयोग करे!
 वृषभ:   वृषभ:राशि वाले जातक प्रात: होली का पूजन करे, होली पूजन के बाद कन्या का पूजन करे! होली खेलने के लिए हल्के पीले रंग का प्रयोग करे!
 मिथुन : मिथुन :राशि वाले जातक प्रात: होली का पूजन करे,इसी के साथ भगवान गणेश के दर्शन करे! होली
खेलने के लिए हरे रंग का प्रयोग करे!
कर्क:कर्क राशि वाले जातक प्रात: होली का पूजन करे,एवं शिव परिवार का पूजन करे! होली खेलने के लिए
सफेद कपड़े पहने एवं सिर्फ गुलाल से होली खेले!
सिंह:सिंह जातक राशि वाले प्रा त: होली का पूजन करे,इसी के साथ भगवान सूर्य की आराधना करे! होली खेलने के लिए लाल गुलाल एवं मेहरून रंग का प्रयोग करे!

कन्या :कन्या राशि वाले जातक प्रात: होली का पूजन करे,एवं गणेश जी के साथ कुबेर भगवान के दर्शन करे!
होली खेलने के लिए टेशू के रंग का प्रयोग करे! 
तुला : तुला राशि वाले जातक प्रात: होली का पूजन करे,एवं माँ दुर्गा का पूजन करे! होली खेलने के लिए लाल एवं पीले रंग का प्रयोग करे!
वृश्चिक : वृश्चिक राशि वाले जातक प्रात: होली का पूजन करे,एवं रिध्दी-सिध्दी सहित गणेश जी का पूजन करे!
 होली खेलने के लिए गुलाबी रंग का प्रयोग करे!


धनु :धनु : राशि वाले जातक प्रात: होली का पूजन करे,एवं भगवान द्त्ततात्रे ( गुरु ) का पूजन करे! होली खेलने के लिए पीले रंग का प्रयोग करे! 
मकर :  मकर : राशि वाले जातक प्रात: होली का पूजन करे,एवं भगवान राम सहित हनुमान के दर्शन करे! होली खेलने के लिए हल्का गुलाबी एवं पीले रंग का प्रयोग करे!
कुंभ :कुंभ :राशि वाले जातक प्रात: होली का पूजन करे,एवं भगवान हनुमान का पूजन करे! होली खेलने के लिए हरे एवं सिंदूरी रंग का प्रयोग करे!
मीन :मीन :राशि वाले जातक प्रात: होली का पूजन करे,एवं गुरु का पूजन करे! होली खेलने के लिए पीले रंग का प्रयोग करे !












rajashri

Saturday, March 3, 2012

मार्च 2012 : क्या कहती है आपकी राशि


है! कृष्ण की भक्ति लाभप्रद है।

Thursday, March 1, 2012

मार्च 2012 : ज्योतिष की नजर से

 

मार्च 2012 के प्रारंभ में सूर्य का कुंभ राशि में परिभ्रमण करने से सभी धान्यों के भावों में तेजी का रुख रहेगा। उत्तर के देशों में सुख-शांति रहेगी। पूर्व तथा दक्षिण के देशों में पीड़ा रहेगी। पश्चिम के देशों में युद्ध का भय बना रहेगा। मंगल का राशि भ्रमण स्वर्ण, चांदी के भाव में स्थिरता बनाएगा।

इसी प्रकार बुध का मीन राशि में परिभ्रमण करने से जंगली जानवरों पर विपत्ति आएगी। प्रजा और सरकार में विरोध होगा, जिससे अशांति का वातावरण बनेगा। शुक्र का मेष राशि में परिभ्रमण करने से भी पशुओं पर विपत्ति आएगी। साथ ही सभी धान्य महंगे होंगे। इसके प्रभाव स्वरूप वर्षा पर्याप्त होगी।

शनि का तुला राशि में परिभ्रमण अनाज के उत्पादन में वृद्धि कराएगा। प्रजा एवं कृषक दोनों को लाभ पहुंचाएगा। 15 मार्च से सूर्य का राशि परिवर्तन करके मीन राशि में प्रवेश करने से पश्चिम के देशों में सुभिक्ष आदि का सुख होगा। दक्षिण के देशों में युद्ध आदि का भय, पूर्व तथा उत्तर के देशों में अशांति, कष्‍ट, बालकों को पीड़ा रहेगी।

ग्रहों की दृष्टि पर नजर डालें तो विश्व में अशांति, बम विस्फोट की घटना का योग बनता है। आतंकवाद पर कंट्रोल होगा। कहीं जलप्लावनादि से जन-धन की हानि होगी। प्राकृतिक प्रकोपों से लोगों को कष्ट होगा। सोना कुछ मंदा रहेगा।

इस माह की कुंडली को मौसम की दृष्टि से देखें, तो पर्वतीय क्षेत्रों में वायु के साथ तेज प्रभाव से बूंदाबूंदी होगी। मैदानी भागों में गर्मी बढ़ने लगेगी। दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, झारखंड़, छत्तीसगढ़, बिहार में बादल चाल के साथ वायु का प्रभाव तेज होगा। शुक्र के प्रभाव से छिटपुट बूंदाबांदी भी कहीं-कहीं संभव है।