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Tuesday, December 21, 2010

kundli me rahu ka hdsh bhavo me fal

                प्रत्येक जातक कि कुंडली मे ग्रह,स्थान ( भाव ) अनुसार जातक को फल देते है ! एवं विजय यश ,सम्मान, कीर्ति के साथ अपयश, अपव्यय, विनाशकारी बुध्दि, कीर्ति का ह्रास इस प्रकार दोनों तरह के फल देते
है! यह सब निर्भय करता है, ग्रह जातक कि लग्न कुंडली में किस भाव में बैठा है ! जानिये राहू के अलग -अलग
भाव में फल!
प्रथम भाव में ( लग्न )-->राहू यदि जातक कि कुंडली में प्रथम भाव में बैठा है, तो जातक को दुष्ट, मश्तक का रोगी , श्वार्थी एवं राजध्देशी के साथ नीच कर्म करने वाला, दुर्बल एवं कमी बनाता है!
ध्दितीय भाव में --> राहू जातक कि कुंडली में ध्दितीय भाव में बैठा है, तो जातक परदेश जाकर कमाता है! अल्प-
संतति, कुटुंब- हीन के साथ भाषा कठोर रहती है, धन का कम आगमन होता है (अल्प धनवान ) परन्तु समूह करने
कि आदत जातक में रहते है!

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