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Thursday, March 31, 2011

नव-बर्ष २०६८ शक: १९३३ ज्योतिष की नजर से

नव-बर्ष २०६८ शक: १९३३ ज्योतिष की नजर से -->संसार की उत्पति के साथ ही परिवर्तन जुडा हुआ है! स्रष्टि के रचयिता ने भी समय -समय पर इस स्रष्टि की रचना में परिवर्तन किये! बिष्णु जी ध्दारा स्रष्टि की रचना का आदेश ब्रम्हा जी को मिला, ओर उन्होंने स्रष्टि की रचना की!
समय के साथ युग परिवर्तन हुआ! सतयुग,त्रेतायुग, ध्दापर-युग एवं राजा परिझित के शरण में याचक बनकर कलयुग ने प्रवेश किया!
               कलयुग की अबधि (उम्र) प्रारम्भ से ५११२ बर्ष पूर्ण क्र चुकी है! पिछला बर्ष २०६७ शक: १९३२ व्यतीत हो रहा है ! नया
बर्ष बिक्रम संवत २०६८ शालिवाहन शक:  १९३३ फसली सन १४१८/१९ बंगला सन १४१८ ईसवी सन २०११-२०१२ हिजरी सन १४३२/३३
प्रारम्भ हो रहा है! प्रत्येक व्यक्ति ने सम्वत्सर (नया बर्ष) के प्रारम्भ के दिन प्रात: काल उठकर स्नान करके मकान को स्वच्छ करके
केले के खम्भे,वन्दनवार पताका आदि सुशोभित करना चाहिए! एवं पुरे कुटुंब सहित नविन वस्त्र धारण-कर अपने इष्ट देवता का पूजन करना चाहिए, तथा पंचाग का पूजन करना चाहिए! इसके बाद कालीमिर्च,निम् की पत्ति,मिश्री,अजवाइन एवं जीरा का चूर्ण बनाकर खाना  चाहिए! 
        इस दिन अपने से बढो को गुरु, माता,पिता,दादा,दादी एवं ओर पूज्यनीय व्यक्तियों को प्रणाम कर आशीर्वाद लेना चाहिए! एवं मन में संकल्प 
लेना चाहिए की हम अच्छे मार्ग पर चलते हुए प्रभु स्मरण करते रहे! एवं हमारा नवबर्ष सुखमय रहे! 
इसी दिन से माँ भगवती  राज राजेश्वरी दुर्गा देवी के दिन अर्थात नवरात्री प्रारम्भ हो जाती है! अत: उनकी आराधना नो दिन करना चाहिए! जो नवदुर्गा के नो रूप को स्मरण करता है,वह  पूर्ण आनद सुखमय जीवन व्यतीत करता है! 
 उसकी अकाल मोत  नही होती है! (दुर्घटना से, जलकर,सर्प के काटने से) एवं भगवती अपने शरण में ले लेती है!  

Sunday, March 27, 2011

april 2011jyotish ki najar se

इस माह मंगल के तीन राशी मई प्रवेश होने से तृण कष्ट व् पशु यह महंगे होंगे ! इसी के साथ स्वर्ण व्यापारी लाभंतिक होंगे  ,स्वर्ण के लाभ बदेंगे !फिर स्थिर बने रहेंगे !परन्तु बाद मई बुध वक्र गति से मीन राशी मई प्रवेश करेगा !जिससे हठी एवं मृग पर कष्ट आता है!
          शासको को कष्ट के रोग बनते है!नया वर्ष चेत्र शुक्ल पद्व अर्थात गुडी पद्व जो की हिंद नववर्ष अर्थात नया संवत्सर सोमवार से प्रारम्भ हो एह है १इस्क फल रोग कर्क दुर्भिक्ष कारक एवं पीड़ादायक हो सकता है!सूर्य (१५ अप्रैल) मेष राशी मे प्रवेश करेगा इसके फलस्वरूप दक्षिण तथा पशिम -के देशो मे दुर्भिक्ष अड़ी का भी उत्तर के देशो मे अशांति एवं युद्ध अड़ी का भय !
           पूर्व के देशो सुभिक्षित शुभ फल होंगे !सूर्य की स्थिति को देखे तो सूर्य के पीछे शुक्र की स्थिति एवं सूर्य के आगे बुध होने से अभी धन्यो के भाव बदेंगे  !शुक्र अप्रैल के मध्य अंतिम सप्ताह मे मीन प्रवेश करने से कपास , रुई ,चन्दन एवं रत्नों के भाव गिरने की सम्भावना बनती है !
                           माह की कुंडली मे मोसम के ग्रहों की स्थिति पर नजर डाले तो तेज वायु के साथ कुछ स्थनों पर बूंदाबांदी होगी !तथा समुदी भागो मे भारी व्र्स्षा व् तूफान की सम्भावना बनती है दिल्ली ,पंजाब राजेस्थं ,हिमाचल प्रदेश ,उतराखंड ,बिहार, हरियाणा बंगाल मे तेज वायु प्रवाह के साथ बूंदाबांदी होगी !

Friday, March 25, 2011

april rashiyo ka phaladesh 2011

  • वृश्चिक : --  ( तो , न ,नि ,नू, ने ,नो, या ,यी ,यू)
                  वृश्चिक राशी वाले जातको के लिए यह माह उनती वाला रहेगा ! माता के पक्ष से सहयोग प्राप्त होगा !विद्यार्थी को विशेष सफलता प्राप्त होगी!आर्थिक स्थिति मजबूत होगी नोकरी वाले की उन्नति होगी !भाई से सहयोग प्राप्त होगा !
अपने आप मे पूर्ण विश्वास बनाना होगा !दिनांक : ६,१८ शुभ है १४ ,१८ अशुभ है !  
  • धनु: -- ( ये ,यो ,भा, भू, ध, फ,  ड )
          धनु राशी आले जातको के लिए यह  माह व्यापर मे सफलता वाला रहेगा !पिता का वशेष लाभ मिलेगा एवं उन्नति होगी ! स्वयं के स्वस्थ को लेकर चिंता रहगी !परिवार मे विशेष व्यर्थ होगा !कुटुम्भ मे कार्य आने से खर्च बड़ेगा !पत्नी से सहयोग प्राप्त होगा !नोकरी वाले को प्रमोशन का लाभ होगा !यात्रा शुभ रहेगी !दिनाक: ६,१२ शुभ है, ११ २९ अशुभ है !
  • मकर:--  (भो, जा ,जी खी, खे, खो, ग )
              मकर रशिही वे जातको  के लिए सुख समृधि की वृधि वाला रहेगा!  रुके हुए या अपूर्ण कार्य पूर्ण होंगे !भाई से पूर्ण श्योग्प्रप्ता होगा !नोकरी वाले के ऑफिसर प्रसन्न होगे !व्यापर ढीक रहगा !पुराने मित्र से झगड़ा हो सकता है! व्यव्हार पे ध्यान दे! दिनांक :६,१३ शुभ है ७ अशुभ है! 
  •  कुभ :-- (गु ,गे,गी, गो,सा,सी, सु,से,सो, द)
                       कुम्भ राशी वाले जातको  के  लिए यह माह सामन्य रहेगा !धन को लेकर आपसी विवाद रहेगा !विशेष शारीरक  कष्ट हो सकता है !पारिवारिक विरोध का सामना करना पड सकता है !अस्त्र शास्त्र से कष्ट हो सकता है !मित्रो से सहयोग प्राप्त होगा ! पत्नी से सामंजस बनाना होगा !दिनांक : -- १०,१७ शुभ है १३ २५  अशुभ है !
मीन:-- ( दी ,दू , ध,झा  दे ,दो, )
          मीन राशी वाले जातको के लिए यह माह  राजनेतिक कार्यो मे विशेष लाभ मिलेगा !शत्रु पक्ष पूर्ण पराजित होगा !ससुराल से लाभ प्राप्त होगा !परिवार का सुख प्राप्त होगा !  नोकरी मे उन्नति होगी ! खेती मे सामान्य लाभ होगा !सुवास्थ सुधर होगा !दिनांक: ९,१८ सुभ है ६ ,१८ अशुभ है !कृष्ण का पूजन लाभप्रद होगा !

Monday, March 21, 2011

april rashiyo ka phaladesh

मेष -- (चु,चे, चो , ला ,ली लो ,अ )
            मेष राशियों वाले जातको को इस माह मांगलिक कार्यो का आन्नद मिलेगा ! खर्च मांगलिक कार्यो पर ही होना है !भाई के परिवार से सुख प्राप्त होगा !सोंदर्य प्रसाधन की वास्तु घर आयेगी! शत्रु पक्ष  के सनधन  रहे शत्रु प्रबल हो सकता है !पत्नी के स्वास्थ का ध्यान रखे ! आपकी योग्यता का लाभ मलेगा राधा कृष्ण की आराधना करे !दिनांक ५ और २२ शुभ है !  १० और २५ अशुभ है ! 
वृषभ --(ई ,उ ,अ, ए, औ,व, वि, बू ,वे ,वो )
             वृषभ राशी वाले जातको के लिए यह माह व्यापार मई लाभ वाला रहेगा !आर्थिक स्थिति मजबूत  होगी !स्वयं के वाहन से यात्रा न करे !चोट की सम्भावना बनती है! स्वास्थ का ध्यान रखे !गुप्त रोग की संभावना बनती !अपने व्यवहार पर ध्यान दे! पुराने मित्र से सहयोग प्राप्त होगा !अपने किसी रिश्ते स धोखा खा सकते !राम सीता की आराधना करे !  दिनांक ११,२८ शुभ है! ३,१६ अशुभ है!
मिथुन --(का,की, कु, घ, ड,छ, के, को, हा)
           मिथुन राशी वाले जातको के लिए यह माह माता,पिता के सुख वाला रहेगा! पत्नी के स्वास्थ्य को लेकर परेशानी आ सकती है!
भाग्य भी एस बार कमजोर दिखाई देगा ! जमीं जायदाद सम्वन्धी तकलीफ आ सकती है! नोकरी वालो को स्धिकारी से सम्पर्क बनाकर रखना पड़ेगा! किसी भी कार्य को करने से पहले पूर्ण विचार करे!  खेती से लाभ मिलेगा! गुरु आराधना लाभप्रद रहेगी!  दिनांक २, १३
शुभ है! २८,३० अशुभ है!
कर्क - (ही,हु, है, हो, डा, ड़ी,डू,डे, डो)
         कर्क राशी वाले जातको के लिए यह माह विशेष लाभ वाला रहेगा ! कुटुंब वाले लोगो से सामना करना पड़ सकता है! किसी भी विशेष कार्य से सफलता मिलेगी! मित्र एवं अन्य साथियों से सहयोग प्राप्त होगा! मामा परिवार से विरोध  के योग है! जमींन का सोदा  लाभप्रद रहेगा! दिनांक ५,१९ शुभ है! १३, २५ अशुभ है! देवी आराधना लाभप्रद रहेगी!

Friday, March 18, 2011

भक्त पहलाद की जय

 भक्त पहलाद की जय -->प्रेमी सज्जन का कार्य सदा दुसरो के लिए हितकारी होता है! दुसरो के हित या कल्याण को ही वे अपना सबसे
बड़ा धर्म समझते है! जेसा कि गोस्वामी जी ने कहा है!
                पर हित सरिस धर्म नही भाई !''
अर्थात हे भाई दुसरो की भलाई करने के समान कोई धर्म नही है! वे फिर कहते है;
            परहित बस जिन्ह के मन माही ! तिन्ह कहू जग दुर्लभ कछु नाही !;
अर्थात जिनके मन में दुसरो की भलाई करने का विचार घर  किये रहता है, उनके लिए संसार में कुछ भी दुर्लभ नही है!
सबसे सत्य ओर पिर्य बोलने वाले ओर सबका सदा कल्याण करने वाले सज्जन ही सबको पिर्य होते  है!  भक्त पहलाद भी इसी प्रकार के स्वभाव वाले थे! प्रभु को बहुत पिर्य थे!
इस प्रकार मन, वचन ओर कर्म से जो भक्त प्रभु की शरण में लगा रहता है, उसके ह्ध्दय में प्रभु का निवास हो जाता है! ओर वह
सदा के लिए सुखी हो जाता है!
  प्रबु की शरणागत जाने  से भक्त पहलाद का जीवन सफल हो गया!  जब भक्त पहलाद की बुहा ढूढा (होली का सही नाम ) पहलाद को जलाने आई, तब भक्त भगवान के शरणागत चले गये, अर्थात उनकी भक्ति में लीन हो गये ! उसी के प्रभाव से भक्त पहलाद बच गये,
परन्तु ढूढा जल गई, तब से ही ढूढा का नाम होली पड़ा!
अर्थात सत्य की एवं भगवान के भक्त की विजय हुई! इसलिए भक्त पहलाद  की जय कहो न कि होली कि शुभकामनाये !
इति शुभम
        पंडित सुरेन्द्र बिल्लोरे