भगवान विष्णु देवकी के गर्भ से भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रात्रि 12.00 बजे भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लिया था। इस दिन को इसीलिए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है।
यदुनंदन, कृष्ण, माधव, गोपाल, मुरलीवाला, गोवर्धनधारी, नंदलाल, बृजकिशोर, माखनचोर, केशव, देवकीनंदन, मुरलीमनोहर ऐसे नाना प्रकार के नामों से पुकारे जाने वाले राधाप्रिय-कृष्ण की जन्माष्टमी पर भक्ति करने से कई जन्मों के पाप उतर जाते है एवं मनुष्य विष्णु लोक को जाता है।
इस दिन की गई भक्ति अश्वमेघ-यज्ञ के समान होती है। कलयुग में तप से ज्यादा महत्व भक्ति का है। प्रभु के नाम मात्र से मनुष्य इस जन्म का उद्धार कर सकता है।
1. मेष- मेष राशि वाले जातक कृष्ण-जन्माष्टमी के दिन कृष्ण के इस मंत्र का जप करें- 'ॐ कमलनाथाय नम:।'
2. वृषभ- वृषभ राशि वाले जातक इस दिन प्रभु की भक्ति में कृष्ण-अष्टक का पाठ करें।
3. मिथुन- मिथुन राशि वाले जातक इस दिन प्रभु को तुलसी चढ़ाएं एवं 'ॐ गोविन्दाय नम:' मंत्र का जाप करें।
4. कर्क- कर्क राशि वाले जातक इस दिन प्रभु को सफेद गुलाब चढ़ाएं एवं राधाष्टक का पाठ करें।
5. सिंह- सिंह राशि वाले जातक इस दिन प्रभु के 'ॐ कोटि-सूर्य-समप्रभाय नम:' का जाप करें।
6. कन्या- कन्या राशि वाले जातक इस दिन प्रभु के बालरूप का स्मरण कर 'ॐ देवकी-नंदनाय नम:' का जाप करें।
7. तुला- तुला राशि वाले जातक इस दिन प्रभु लीलाधर का स्मरण कर 'ॐ लीला-धराय नम:' का जाप करें।
8. वृश्चिक- वृश्चिक राशि वाले जातक इस दिन प्रभु वराह का स्मरण कर 'ॐ वराह नम:' का जाप करें।
9. धनु- धनु राशि वाले जातक इस दिन प्रभु के गुरु रूप का स्मरण कर 'ॐ जगद्गुरुवे नम': का जाप करें।
10. मकर- मकर राशि वाले जातक इस दिन प्रभु के सुदर्शनधारी रूप का स्मरण कर 'ॐ पूतना-जीविता हराय नम:' का जाप करें।
11. कुंभ- कुंभ राशि वाले जातक इस दिन प्रभु के दया रूप का स्मरण कर 'ॐ दयानिधाय नम:' का जाप करें।
12. मीन- मीन राशि वाले जातक इस दिन प्रभु के नटखट रूप का स्मरण कर 'ॐ यशोदा-वत्सलाय नम:' का जाप करें।
इस प्रकार प्रभु के नाम का जाप अनन्य कोटि फल देगा एवं प्रभु हर मनोरथ को पूर्ण करेंगे।
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