रिद्धि-सिद्धि के दाता श्री गणेश की आराधना देवता, दानव, किन्नर, यक्ष सभी करते हैं। मनुष्य हमेशा से कुछ न कुछ पाने की इच्छा रखता है। प्रभु गजानंद अपने भक्तों की मनोकामना तुरंत पूर्ण करते हैं।
गौरीपुत्र एकदंत का पूजन प्रत्येक मनुष्य अपने जन्म-लग्न के अनुसार करें, तो उन्हें अधिक लाभ मिलेगा। जानिए कैसे करें ल ग्नानुसार श्री गणेश आराधना...।
मेष लग्न- मेष लग्न में जन्म लेने वाले जातक गणेश जी की आराधना ॐ विघ्नेश्वराय नम: मंत्र से करें।
वृषभ लग्न- वृषभ लग्न में जन्म लेने वाले जातक गणेश जी की आराधना ॐ शिवपुत्राय नम: मंत्र से करें।
मिथुन लग्न- मिथुन लग्न में जन्म लेने वाले जातक गणेश जी आराधना ॐ लम्बोदराय नम: मंत्र से करें।
कर्क लग्न- कर्क लग्न में जन्म लेने वाले जातक गणेश जी की आराधना ॐ गौरीपुत्राय नम: मंत्र से करें।
कन्या लग्न- कन्या लग्न में जन्म लेने वाले जातक गणेश जी की आराधना ॐ लम्बोदराय नम: मंत्र से करें।
तुला लग्न- तुला लग्न में जन्म लेने वाले जातक गणेश जी की आराधना ॐ सर्वकल्याणहेतवे नम: मंत्र से करें।
वृश्चिक लग्न- वृश्चिक लग्न में जन्म लेने वाले जातक गणेश जी की आराधना ॐ एकदंताय नम: मंत्र से करें।
धनु लग्न- धनु लग्न में जन्म लेने वाले जातक गणेश जी आराधना ॐ उमासुताय नम: मंत्र से करें।
मकर लग्न- मकर लग्न में जन्म लेने वाले जातक गणेश जी की आराधना ॐ विघ्नहराय नम: मंत्र से करें।
कुंभ लग्न- कुंभ लग्न में जन्म लेने वाले जातक गणेश जी की आराधना ॐ दुःखहर्ता नम: मंत्र से करें।
मीन लग्न- मीन लग्न में जन्म लेने वाले जातक गणेश जी की आराधना ॐ पार्वतीपुत्राय नम: मंत्र से करें।
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