पं. सुरेन्द्र बिल्लौरे
प्रणब मुखर्जी : शुभ ग्रह बना रहे हैं राष्ट्रपति
प्रणब मुखर्जी करें गणेश आराधना
प्रणब मुखर्जी का जन्म मृगशिरा नक्षत्र में हुआ है, इसी नक्षत्र ने प्रणब को धैर्यवान, बुद्धिवान एवं प्रखर सोच वाला बनाया। मृगशिरा नक्षत्र के प्रभाव के कारण मुखर्जी राजनीति में आए।
प्रणब के जन्म के समय सूर्य वृश्चिक राशि पर परिभ्रमण कर रहा था, जिसने प्रणब दा को लोक-विख्यात बनाया। मंगल ने परिवारिक सुख एवं आर्थिक सुख दिया। गुरु एवं शुक्र ने आर्थिक सुख के साथ-साथ क्षमावान बनाया।
जन्म कुंडली में शनि कुंभ का होने से देश के प्रथम नागरिक तक का सफर प्रणब मुखर्जी ने तय किया। प्रणब का जन्म मंगल की महादशा में हुआ है। वर्तमान में केतु की महादशा चल रही है। केतु की महादशा में बुध की अंतर्दशा चल रही है, जो कि 16.2.2012 से 13.2.2013 तक रहेगी।
इस दौरान देश को नई उच्चाइयां मिलेंगी। जिसके सारे ग्रह उच्च के हों ऐसे व्यक्तित्व के हाथ में देश की बागडोर रहने से देश की यकीनन उन्नति होगी। आंतक पर नियंत्रण होगा। बाहरी विरोधी पर प्रभाव पड़ेगा। देश की राजनिति पर सीधा असर पड़ेगा।
25 जुलाई को नक्षत्र एवं योग के साथ चन्द्र की स्थिति, सूर्य की स्थिति प्रणब के अनुकूल रहने से देश को एक अच्छा राष्ट्रपति मिलेगा। शनि प्रणब को घमंडी बना सकता है, इसका उन्हें विशेष ध्यान देना होगा। किसी भी गंभीर मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए बुध अच्छा सहयोग देगा। प्रणब मुखर्जी को गणेश आराधना करना चाहिए।
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