भारतीय
संस्कृति में भविष्यवाणी या यह कहे, की पुरानि मान्यता बड़ी फायदेमंद रही है! तकनीकी रूप से
इनका कोई लिखित इतिहास नहीं है लेकिन पीढ़ी-दर-पीढ़ी यह ज्ञान हस्तांतरित
हो रहा है और मानना होगा कि इनके माध्यम से की गई भविष्यवाणियां अचूक सिद्ध
होती हैं। प्रस्तुत है,* घर से चलते समय यदि बिल्ली रास्ता काट जाये, तो काम विगड जाता है!
* सामने की छींक लड़ाई-झगड़े को करवा सकती है। पीछे की छींक से सुख मिलता है।
*
* दाईं तरफ की छींक धन को नष्ट करती है। बाईं तरफ की छींक से सुख मिलता है।
* आलू को सदा कृष्ण पक्ष में बोना चाहिए।
* एक बादल यदि दूसरे बादल में घुसे तो उसी समय पानी बरसे।
* यदि एक ढेले पर बैठकर चील बोले तो भारी वर्षा होगी।
* यदि सावन शुदि (शुक्ला) सप्तमी को आधी रात के समय बादल गरजे और पानी बरसे तो अकाल पड़ेगा।
* चित्रा नक्षत्र की वर्षा प्राय: सारी खेती नष्ट कर देती है।
* यदि एक महीने में दो ग्रहण हो तो राजा या मंत्री की मृत्यु होती है।
* सामने की छींक लड़ाई-झगड़े को करवा सकती है। पीछे की छींक से सुख मिलता है।
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* आलू को सदा कृष्ण पक्ष में बोना चाहिए।
* एक बादल यदि दूसरे बादल में घुसे तो उसी समय पानी बरसे।
* यदि एक ढेले पर बैठकर चील बोले तो भारी वर्षा होगी।
* यदि सावन शुदि (शुक्ला) सप्तमी को आधी रात के समय बादल गरजे और पानी बरसे तो अकाल पड़ेगा।
* चित्रा नक्षत्र की वर्षा प्राय: सारी खेती नष्ट कर देती है।
* यदि एक महीने में दो ग्रहण हो तो राजा या मंत्री की मृत्यु होती है।
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