महामृत्युंजय जप--ये जप किन परिस्तिथियों में करे! यह जप करने के पहले आप स्तिथि को समझे यदि निम्न
परिस्तिथि है, तो ही महामृत्युंजय जप किया जाता है !
१.--> किसी महारोग से कोई पीड़ित हो! अथवा जन्म-कुंडली में गोचर एवं दशा,महादशा, स्थुलदशा आदि में ग्र्ह्पिदा होने का योग हो!
२.--> भाई अलग-अलग हो रहे हो!
३.--> गाँव/शहर/नगर में हैजा प्लेग इत्यादी से निवासी मर रहे हो!
४.--> राजभय हो!
५.--> मेलापक (लड़का-लड़की के गुण मिलाप) में नाड़ी दोष,षडाष्टक दोष आता हो !
६.-->मन धर्म के विपरीत जा रहा हो!
७.--> मनुष्यों में आपस में घोर क्लेश हो रहा हो !
किस स्तिथि में कितने जप करे !
किसी प्रकार का सामान्य रोग हो या स्वप्न हुआ हो, तो सवा लाख जप कराना चाहिए ! यात्रा का भय हो, एक हजार जप कराना चाहिए! राज-प्राप्ति के लिए,मन- सम्मान, इष्ट सिध्दी के लिए सवा लाख जप कराना चाहिए !
परिस्तिथि है, तो ही महामृत्युंजय जप किया जाता है !
१.--> किसी महारोग से कोई पीड़ित हो! अथवा जन्म-कुंडली में गोचर एवं दशा,महादशा, स्थुलदशा आदि में ग्र्ह्पिदा होने का योग हो!
२.--> भाई अलग-अलग हो रहे हो!
३.--> गाँव/शहर/नगर में हैजा प्लेग इत्यादी से निवासी मर रहे हो!
४.--> राजभय हो!
५.--> मेलापक (लड़का-लड़की के गुण मिलाप) में नाड़ी दोष,षडाष्टक दोष आता हो !
६.-->मन धर्म के विपरीत जा रहा हो!
७.--> मनुष्यों में आपस में घोर क्लेश हो रहा हो !
किस स्तिथि में कितने जप करे !
किसी प्रकार का सामान्य रोग हो या स्वप्न हुआ हो, तो सवा लाख जप कराना चाहिए ! यात्रा का भय हो, एक हजार जप कराना चाहिए! राज-प्राप्ति के लिए,मन- सम्मान, इष्ट सिध्दी के लिए सवा लाख जप कराना चाहिए !
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