शिवरात्रि के दिन करे घर पर साधारण संक्षिप्त शिव पूजन,एवं पाए शिव जी का आशीर्वाद प्रसाद !वैदिक शिव पूजन --> भगवान शंकर की पूजा के समय शुध्द आसन पर बैठकर पहले आचमन,पवित्री- धारण करके - शरीर-शुध्दी एवं आसन शुध्दी कर लेनी चाहिए ! तत्पश्चात पूजन-सामग्री को यथास्थान रखकर रक्षादीप प्रज्वलित कर ले!
तदनन्तर स्वस्ति-पाठ करे!इसके बाद पूजन का संकल्प कर भगवान गणेश एवं गोरी (भगवती ) का स्मरण कर पूजन करना चाहिए ! यदि हम रुद्राभिषेक,लघुरुद्र,महारुद्र इत्यादी विशेष अनुष्टान कर रहे है, तो नवग्रह,कलश, षोडश-मात्रका का भी पूजन करना चाहिए !
संकल्प,गणेश,भगवती पूजन के बाद नन्दीश्वर, वीरभद्र,कार्तिकेय एवं सर्प का संक्षिप्त पूजन करना चाहिए ! इसके पश्चात हाथ में विल्वपत्र एवं अक्षत लेकर भगवन शिव का ध्यान करे!
यदि पूजन घर में आप ही कर रहे है,तो साधारण पूजन ही करे, साधारण पूजन से ही भगवान शिव प्रसन्न हो जाते है! ध्यान के बाद आसन, आचमन,स्नान पय:स्नान,दधिस्नान,घीस्नान,मधुस्नान,शक्करस्नान कराए !
इसके बाद भगवान को पंचा-म्रत स्नान कराए! फिर गंधोदकस्नान कराए फिर शुध्द स्नान कराए!
फिर भगवान शिव को वस्त्र चढ़ाये वस्त्र के बाद जनेऊ चढाये फिर गंध,इत्र, अक्षत,पुष्पमाला,विल्वपत्र चढाये!
फिर नानापरिमलद्रव्य भगवान शिव को चढ़ाये! इसके पश्चात धुप-दीप बताये, हाथ धोकर भोलेनाथ को नैवेध
लगाये! नैवेध के बाद फल,ताम्बुल-पूगीफल,दक्षिना चराकर आरती करे ! इसके बाद क्षमा-याचना करे!
इस प्रकार संक्षिप्त पूजन करने से ही भगवान शिव प्रसन्न होकर आपके मनोरथ पूर्ण करेगे !
तदनन्तर स्वस्ति-पाठ करे!इसके बाद पूजन का संकल्प कर भगवान गणेश एवं गोरी (भगवती ) का स्मरण कर पूजन करना चाहिए ! यदि हम रुद्राभिषेक,लघुरुद्र,महारुद्र इत्यादी विशेष अनुष्टान कर रहे है, तो नवग्रह,कलश, षोडश-मात्रका का भी पूजन करना चाहिए !
संकल्प,गणेश,भगवती पूजन के बाद नन्दीश्वर, वीरभद्र,कार्तिकेय एवं सर्प का संक्षिप्त पूजन करना चाहिए ! इसके पश्चात हाथ में विल्वपत्र एवं अक्षत लेकर भगवन शिव का ध्यान करे!
यदि पूजन घर में आप ही कर रहे है,तो साधारण पूजन ही करे, साधारण पूजन से ही भगवान शिव प्रसन्न हो जाते है! ध्यान के बाद आसन, आचमन,स्नान पय:स्नान,दधिस्नान,घीस्नान,मधुस्नान,शक्करस्नान कराए !
इसके बाद भगवान को पंचा-म्रत स्नान कराए! फिर गंधोदकस्नान कराए फिर शुध्द स्नान कराए!
फिर भगवान शिव को वस्त्र चढ़ाये वस्त्र के बाद जनेऊ चढाये फिर गंध,इत्र, अक्षत,पुष्पमाला,विल्वपत्र चढाये!
फिर नानापरिमलद्रव्य भगवान शिव को चढ़ाये! इसके पश्चात धुप-दीप बताये, हाथ धोकर भोलेनाथ को नैवेध
लगाये! नैवेध के बाद फल,ताम्बुल-पूगीफल,दक्षिना चराकर आरती करे ! इसके बाद क्षमा-याचना करे!
इस प्रकार संक्षिप्त पूजन करने से ही भगवान शिव प्रसन्न होकर आपके मनोरथ पूर्ण करेगे !