फरवरी २०११ ज्योतिष की नजर से --> माह प्रारम्भ में चतुर्ग्रही योग (सूर्य, चन्द्र, मंगल, बुध) बन रहा है! इसके
फलस्वरूप कही रक्तपात एवं कही जलप्लावन से जन- धन की हानि होगी! फरवरी प्रथम सप्ताह में सूर्य के साथ अन्य ग्रहों की स्थ्रिति के कर्ण कही छिटपुट बूंदाबांदी होगी! मंगल के कुम्भ राशि में प्रवेश होने सभी धान्यों के भाव तेज
होगे! इसी के साथ अन्य वस्तुए भी मंहगी होगी! बुध मकर राशि बदलकर कुम्भ राशि में प्रवेश करेगा (१२ फरवरी को) इसके प्रभाव से अन्न का भाव समान बना रहेगा! कुम्भ राशि में मंगल का प्रवेश एवं कन्या राशि में शनि के
रहने से शनि एवं मंगल का अशुभकारी षडाष्टक योग बनेगा ! इसके दुष-परिणाम आ सकते है! दुर्घटनाये होने की सम्भावना (वायु-यान एवं अग्नि) बनती है! समाज विरोधी, राष्टबिरोधी, आंतकी- गुट ध्दारा भय का वातावरण उत्पन्न
होगा! फरवरी मध्य एवं अंतिम सप्ताह तक सहित लहर का प्रभाव बना रहेगा! २३ फरवरी को मंगल शतभिषा नक्षत्र
में प्रवेश करेगा! इसके प्रभाव से धान्य का उत्पादन पर्याप्त मात्रा में होगा! साथ ही साथ फसल नाशक कीट,चूहे अधिक उपद्रव करेगे! परन्तु २४ को शुक्र के मकर राशि में प्रवेश करने से फसल को नुकसान होने की संम्भावना है! गुरु एवं शनि एक दुसरे के सप्तम भाव में स्थित होने से प्रजा पर विपत्ति आती है! एवं अनाज का भाव माँगा होगा ! दूसरी तरफ शनि को मंगल का षडाष्टक योग असामाजिक तत्व,बिरोध,दुर्घटना को बड़ा सकता है! शासक एवं प्रजा के बीच सामजस्य मुस्किल हो जायेगा! विरोधी मजबूत होगे !
पर्वतीय क्षेत्रो में सहित के प्रकोप के साथ वर्षा एवं ओलाव्र्ष्टि की सम्भावना बनती है!
फलस्वरूप कही रक्तपात एवं कही जलप्लावन से जन- धन की हानि होगी! फरवरी प्रथम सप्ताह में सूर्य के साथ अन्य ग्रहों की स्थ्रिति के कर्ण कही छिटपुट बूंदाबांदी होगी! मंगल के कुम्भ राशि में प्रवेश होने सभी धान्यों के भाव तेज
होगे! इसी के साथ अन्य वस्तुए भी मंहगी होगी! बुध मकर राशि बदलकर कुम्भ राशि में प्रवेश करेगा (१२ फरवरी को) इसके प्रभाव से अन्न का भाव समान बना रहेगा! कुम्भ राशि में मंगल का प्रवेश एवं कन्या राशि में शनि के
रहने से शनि एवं मंगल का अशुभकारी षडाष्टक योग बनेगा ! इसके दुष-परिणाम आ सकते है! दुर्घटनाये होने की सम्भावना (वायु-यान एवं अग्नि) बनती है! समाज विरोधी, राष्टबिरोधी, आंतकी- गुट ध्दारा भय का वातावरण उत्पन्न
होगा! फरवरी मध्य एवं अंतिम सप्ताह तक सहित लहर का प्रभाव बना रहेगा! २३ फरवरी को मंगल शतभिषा नक्षत्र
में प्रवेश करेगा! इसके प्रभाव से धान्य का उत्पादन पर्याप्त मात्रा में होगा! साथ ही साथ फसल नाशक कीट,चूहे अधिक उपद्रव करेगे! परन्तु २४ को शुक्र के मकर राशि में प्रवेश करने से फसल को नुकसान होने की संम्भावना है! गुरु एवं शनि एक दुसरे के सप्तम भाव में स्थित होने से प्रजा पर विपत्ति आती है! एवं अनाज का भाव माँगा होगा ! दूसरी तरफ शनि को मंगल का षडाष्टक योग असामाजिक तत्व,बिरोध,दुर्घटना को बड़ा सकता है! शासक एवं प्रजा के बीच सामजस्य मुस्किल हो जायेगा! विरोधी मजबूत होगे !
पर्वतीय क्षेत्रो में सहित के प्रकोप के साथ वर्षा एवं ओलाव्र्ष्टि की सम्भावना बनती है!
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