मनुष्य की जिज्ञासा हमेशा स्वस्थ्य रहने की रहती है! करे कुछ सिध्द प्रयोग एवं रहे स्वस्थ्य आप भी
एवं अपने परिवार को भी स्वस्थ्य रखे!
जादू-- टोना-- निवारण मन्त्र
ॐ काकलक-कपाल बज्र पर्वत लंक अलग-पलन्का !
फलक फलीक यती की वाचा गुरु की सोचा सत्यों !
कोई व्यक्ति जादू टोने से ग्रस्त है, एवं स्वस्थ्य नही रहता है! तो उपरोक्त मन्त्र का प्रयोग करे ! किसी नये वस्त्र का टुकड़ा लेकर रेंडी के तेल में तर करे! एक थाली में पानी भरकर रखे, तेल में तर कपड़े को किसी चिमटे आदि से पकडकर रोगी के सिर से पाँव तक साथ बार उतारे एवं जलाएं व थाली के उपर कर लें ! जलते हुए तेल की बुँदे थाली के पानी में गिरनी चाहिये ! जब तक कपड़ा जलता रहे, उपयुक्त मन्त्र को पदते रहे जब तेल टपकनाबंद हो जाये ! तो उसे उसी पानी में बुझा दें! फिर इक्कीस बार -मन्त्र पढकर रोगी को फूंक मारे! इस किर्या से व्यक्ति सभी प्रकार के जादू टोने के दुष्प्रभाव से मुक्त हो जायेगा !
No comments:
Post a Comment