पिछले लेखो में आपने राहू का कुंडली में नवम भाव तक जातक पर प्रभाव देखा, आगे दशम भाव से ---ध्दाद्श -भाव तक राहू के रहने पर जातक पर शुभ -अशुभ प्रभाव देखिये!
दशम भाव -->राहू कुंडली में दशम भाव में हो, तो जातक को लाभ देता है! कार्य सफल करने के साथ -साथ --
व्यवसाय कराता है! परन्तु मन्दमति, लाभहीन, अल्प्-संतति, अरिष्ट-नाशक भी बनाता है!
एकादश भाव -->राहू कुंडली में एकादश भाव में हो, तो अनियमित कार्यकर्ता, मितव्ययी, अच्छा वक्ता बनाता है!
इसी के साथ आलसी, क्लेशी एवं चन्द्रमा से युक्ति हो, तो राजयोग दिलाता है!
ध्दाद्श भाव -->राहू कुंडली में ध्दाद्श भाव में हो, तो चिन्ताशील एवं विवेकहीन बनाता है!जातक परिश्रमी, सेवक के साथ कामी होता है, मुर्ख जैसा व्यवहार करता है!
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