मंत्रो की साधना में नियमो का पालन-- मंत्रो की शक्ति असीम है! प्रयोग करते समय विशेष सावधानी ! बरतनी चाहिए! मन्त्र उच्चारण की तनिक-सी त्रुटी सारे करे -कराये पर पानी फेर देती है! यदि साधना -काल में नियमो का पालन न किया जाये,तो कभी- कभी बड़े घातक परिणाम सामने आ जाते है! इसी के साथ गुरु के ध्दारा दिए गए निर्देशों का पालन साधक ने अवश्य करना चाहिए ! साधक को चाहिए कि वो प्रयोज्य वस्तुए जेसे -
आसन ,माला, वस्त्र, हवन-साम्रगी तथा नियमो जेसे दीक्षा स्थान,समय एवं जप-संख्या आदि का द्र्द्तापूर्वक
पालन करे! क्योकि विपरीत आचरण करने से मन्त्र तथा उसकी साधना निष्फल हो जाती है! जबकि- विधिवत की गई साधना से इष्ट देवता की क्रपा सुलभ रहती है! साधना-काल में निम्न नियमो का पालन अनिवार्य है !
, १.-जिसकी साधना की जा रही हो, उसके प्रति पूर्ण आस्था !
२. मन्त्र -साधना के प्रति पूर्ण विस्वास ३. साधना-स्थल के प्रति विस्वास के साथ-साथ
साधना का स्थान सामाजिक, पारिवारिक संपर्क से अलग हो! ४. उपवास में दूध, फल आदि का, सात्विक भोजन किया जाये,सोंदर्य -प्रसाधन,क्षोर- कर्म व् विलासिता का त्याग आवश्यक है! ५. साधना-काल में भूमि शयन करे! ६. वाणी का असंतुलन,कटु -भाषण,प्रलाप, मिथ्या -वचन आदि का त्याग करे, कोशिश मोन रहने की करे! निरंतर मन्त्र जप अथवा इष्ट-देवता का स्मरण-चिन्तन आवश्यक है!
! मन्त्र साधना में प्राय; विघ्न आते आप साबधानी रखकर मन्त्र जप करे, अवस्य सफल होगे !
आसन ,माला, वस्त्र, हवन-साम्रगी तथा नियमो जेसे दीक्षा स्थान,समय एवं जप-संख्या आदि का द्र्द्तापूर्वक
पालन करे! क्योकि विपरीत आचरण करने से मन्त्र तथा उसकी साधना निष्फल हो जाती है! जबकि- विधिवत की गई साधना से इष्ट देवता की क्रपा सुलभ रहती है! साधना-काल में निम्न नियमो का पालन अनिवार्य है !
, १.-जिसकी साधना की जा रही हो, उसके प्रति पूर्ण आस्था !
२. मन्त्र -साधना के प्रति पूर्ण विस्वास ३. साधना-स्थल के प्रति विस्वास के साथ-साथ
साधना का स्थान सामाजिक, पारिवारिक संपर्क से अलग हो! ४. उपवास में दूध, फल आदि का, सात्विक भोजन किया जाये,सोंदर्य -प्रसाधन,क्षोर- कर्म व् विलासिता का त्याग आवश्यक है! ५. साधना-काल में भूमि शयन करे! ६. वाणी का असंतुलन,कटु -भाषण,प्रलाप, मिथ्या -वचन आदि का त्याग करे, कोशिश मोन रहने की करे! निरंतर मन्त्र जप अथवा इष्ट-देवता का स्मरण-चिन्तन आवश्यक है!
! मन्त्र साधना में प्राय; विघ्न आते आप साबधानी रखकर मन्त्र जप करे, अवस्य सफल होगे !
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