रितेश देशमुख एवं जेनेलिया का प्रेम विवाह होना, सफलातायो में बिघ्न उत्पन्न करेगा. दोनों के ग्रह मैत्री
योग नही मिलते !भ्र्गुठ दोष भी है .रितेश का जन्म पुनर्वसु नक्षत्र में हुआ है एवं जेनेलिया का जन्म ज्येष्ठा
नक्षत्र में हुआ है, रितेश की जन्म राशी मिथुन एवं जेनेलिया की जन्म राशी वृश्चिक है. जो कि आपस में षडाष्टक योग बनाती है! जिसके परिणाम में मृत्यु या बैर होता है अर्थात दोनों में से एक को मृत्यु याउसके समान कष्ट है.अथवा दोनों का विच्छेद होगा! जेनेलिया कि लग्न कुंडली पर ध्यान दे ,तो उसको मंगल है. जबकि रितेश को नही है.रितेश का चन्द्र साधारण सफलता देता है,परन्तु जेनेलिया का चन्द्र लोक विख्यात बनाता है रितेश का सूर्य अच्छा भविष्य देता है. जेनेलिया का सूर्य उसको उग्र स्वभाव का बनाता है! रितेश का मंगल विख्यात करता है एवं जेनेलिया का मंगल आर्थिक सम्पन्न करेगा. परन्तु गृहस्थ जीवन में दोनों के विचारो का तालमेल कम बैठनेके योग बनाते है! बुध के कारण रितेश जेनेलिया दोनों कमजोर पड़ सकते है. जेनेलिया को विरोध का सामना करना पड़ सकता है! दोनों का गुरु धनी बनाता है, संतान योग नाड़ीदोष के कारण कम है ,परन्तु गुरु ये योग बनाता है. रितेश को शुक्र इसरिश्ते में सामान्य एवं क्षमा -शील बनाता है, परन्तु जेनेलिया का शुक्र घमंडी बना सकता है! शनि भी ग्रहस्थ जीवन में सफलता कम देता है!
सारेग्रहों की स्थिति एवं उनकी द्रष्टि से देखा जाये, तो यह विवाह सफल होना असम्भव है! दोनों को तालमेल के लिए बहुत समझोते करना पड़ेगे !
दोनों ने मंगल के लिए नाशिक या उज्जैन में मंगल -भात पूजन अवस्य करना चाहिए ! एवं नों ग्रहशांति का पूजन,जप करना चाहिए!