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Wednesday, January 26, 2011

Happy Republice day

सभी भारतीयों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभ कामनाए !

Monday, January 24, 2011

फरवरी २०११ ज्योतिष की नजर से

फरवरी २०११ ज्योतिष की नजर से --> माह प्रारम्भ में चतुर्ग्रही योग (सूर्य, चन्द्र, मंगल, बुध) बन रहा है! इसके
फलस्वरूप कही रक्तपात एवं कही जलप्लावन से जन- धन की हानि होगी! फरवरी प्रथम सप्ताह में सूर्य के साथ अन्य ग्रहों की स्थ्रिति के कर्ण कही छिटपुट बूंदाबांदी होगी! मंगल के कुम्भ राशि  में प्रवेश होने सभी धान्यों के भाव तेज
होगे! इसी के साथ अन्य वस्तुए भी मंहगी होगी! बुध मकर राशि बदलकर कुम्भ राशि में प्रवेश करेगा (१२ फरवरी को) इसके प्रभाव से अन्न का भाव समान बना रहेगा! कुम्भ राशि में मंगल का प्रवेश एवं कन्या राशि में शनि के
रहने से शनि एवं मंगल का अशुभकारी षडाष्टक योग बनेगा ! इसके दुष-परिणाम आ सकते है! दुर्घटनाये होने की सम्भावना (वायु-यान एवं अग्नि) बनती है! समाज विरोधी, राष्टबिरोधी, आंतकी- गुट ध्दारा भय का वातावरण उत्पन्न
होगा! फरवरी मध्य एवं अंतिम सप्ताह तक सहित लहर का प्रभाव बना रहेगा! २३ फरवरी को मंगल शतभिषा नक्षत्र
में प्रवेश करेगा! इसके प्रभाव से धान्य का उत्पादन पर्याप्त मात्रा में होगा! साथ ही साथ फसल नाशक कीट,चूहे अधिक उपद्रव करेगे!  परन्तु २४ को शुक्र के मकर राशि में प्रवेश करने से फसल को नुकसान होने की संम्भावना है! गुरु एवं शनि एक दुसरे के सप्तम भाव में स्थित होने से प्रजा पर विपत्ति आती है! एवं अनाज का भाव माँगा होगा ! दूसरी तरफ शनि को मंगल का षडाष्टक योग असामाजिक तत्व,बिरोध,दुर्घटना को बड़ा सकता है! शासक एवं प्रजा के बीच सामजस्य मुस्किल हो जायेगा! विरोधी मजबूत होगे !
   पर्वतीय क्षेत्रो में सहित के प्रकोप के साथ वर्षा एवं ओलाव्र्ष्टि की सम्भावना बनती है!

Friday, January 14, 2011

उपयोगी -मन्त्र

उपयोगी -मन्त्र -->इस संसार में प्रत्येक प्राणी किसी न किसी परेशानी से त्रस्त है, अत: परेशानी दूर करने के छोटे उपाय के रूप में मन्त्र नीचे हम दे रहे है! जिसके जप करने से आप कष्ट से दूर हो जायेगे !
विशेष--> निम्न मंत्रो को आवश्यकता पढने पर ही करिये!
१. मन्दबुध्दी छात्रो                                       हेतु उपयोगी मन्त्र ---> ॐ ह्रीं श्रीं ए वद-वद वाग्वावादिनी !
                                                            सरस्वती तुष्टि पुष्टि तुभ्यं नम: !!
    मन्दबुध्दी बिधार्थी को इस मन्त्र को प्रत्येक दिन नहा-धोकर पवित्र आसन पर बैठकर धुप- दीप जलाकर भक्ति-
=पूर्वक २१ बार जप करना चाहिये ! कम से कम एक मास तक नियमित पाठ करने से सरस्वती देवि प्रसन्न होकर बिधा प्रदान करेगी!
२. मन्दबुध्दी छात्रो के लिए दूसरा मन्त्र -->
          बिधामभ्यास्यता नित्यं जप्तव्य: पुरुषोतम: !
उपरोक्त मन्त्र प्रतिदिन पुरुषोतम भगवान का स्मरण करते हुए १०८ बार करें, बिधा की प्राप्ति होगी!
३. मन्दबुध्दी छात्रो के लिए तीसरा मन्त्र --> ॐ विष्णवे नम:
 उपरोक्त मन्त्र को प्रतिदिन विष्णु भगवान का स्मरण करते हुए १०८ बार करें, बिधा की प्राप्ति होगी!
      इन मंत्रो का सामान्य बिधार्थी भी लाभ ले सकते है!
इति- शुभम    

Monday, January 10, 2011

शनि का परिभ्रमण

शनि का परिभ्रमण-->शनि जब चन्द्र कुंडली में अलग- अलग स्थान पर परिभ्रमण करता है, तो क्या फल देता है,एवं क्या सम्भावना रहती है! जानिये !
प्रथम स्थान -->नजदीकी रिश्तेदारों के लिए अशुभ होता है, बीमारी की सम्भावना बनती है!
ध्दितीय स्थान -->खुशियों में कमी, बीमारी एवं धन की हानि कराता है! पद विहीन(सस्पेंड)
कर सकता है! स्वास्थ्य कमजोर करता है! खर्च को बढ़ाता है!
तीसरा स्थान --> धन अर्जित करवाता है! खुशिया देता है!
चतुर्थ स्थान --> मानसिक, शारीरिक कष्ट एवं परिवार के लिए अशुभ फल देता है! अनहोनी घटनाये होती है!
पंचम स्थान --> धन नाश,खर्च में बढ़ोतरी, गलत आक्षेप लगवा सकता है!
छटवा स्थान --> शत्रुओ पर विजय दिलवाता है! मुख्य कार्य करवाता है! एवं बीमारी से दूर रखता है! बीमार व्यक्ति बीमारी से दूर हो जाता है! वैवाहिक जीवन में सुख देता है! एवं धन की प्राप्ति देता है!
सप्तम स्थान --> यात्राये कराता है! जातक घर से दूर रहता है, परन्तु उसे गुप्त रोग होने का भय रहता है!
अष्टम स्तन --> पत्नी एवं बच्चो से दूर कर सकता है, रिश्तेदारों एवं नोकरो से कष्ट दिलाता है! इसी के साथ धन हानि देता है!
नवम स्थान --> शत्रुओ से हानि, किसी अपराधिक व्यक्ति ध्दारा कष्ट, बीमारी के साथ  धन हानि देता है!पत्नी से अलगाव हो सकता  है!
दशम स्थान --> वेरोजगार को नॉकरी दिलाता है,
एकादश स्थान --> जमीन जायदाद की प्राप्ति कराता है! अविवाहित के विवाह योग बनता है! अस्थाई नॉकरी वाले को स्थाई करता है!
ध्दाद्श स्थान --> धन हानि देता है! बीमारी परिवारिक झगड़े कराता है!
                                                                                             

Saturday, January 8, 2011

सूर्य का मकर राशी में परिभ्रमण ज्योतिष की नजर से

जय श्री क्रष्ण
                  मकर संक्रांति १४ जनवरी २०११ को सूर्य अपनी राशी बदलकर धनु राशी से  मकर राशी में परिभ्रमण  करेगा ! (प्रत्येक ग्रह राशियों पर परिभ्रमण करते है!) सूर्य जब मकर राशी  पर परिभ्रमण करेगा,तो राशियों पर क्या शुभ-अशुभ प्रभाव देगा! जानिये ! साथ में अशुभ प्रभाव के उपाय भी जानिये !
 मेष --> मेष राशी पर मकर का सूर्य आर्थिक परेशानी के साथ स्वास्थ्य संबंधी तकलीफ देता है! मित्र या रिश्तेदारी में लड़ाई करा सकता है! आकस्मिक घटनाये होने की संभावना बनाता है!
उपाय --> ॐ सूर्याय नम: बोलकर सूर्य को अर्ग (जल चढ़ाए) दें!
वर्षभ -->मानसिक परेशनी के साथ धन हानि देता  है! शत्रुओं से कष्ट दिला सकता है! एवं शत्रु की संख्या बढ़ाता है!
फिजूल खर्च एवं मान- सम्मान की कमी कराता है!
उपाय -->आदित्य स्त्रोतम का पाठ करे, मानक धारण करे !
मिथुन --> मनोकामना पूर्ण कराएगा! एवं सर्बिस वालो की पदोन्नति करायेगा ! सुख शांति एवं आर्थिक सम्पन्य करेगा ! कही से पुरुस्कार दिलाएगा !
सुझाव --> तांबे की वस्तु दान करे!
कर्क --> पुराने  टूटे हुए साथियों को मिलाएगा, घर में मांगलिक कार्य  करायेगा, एवं सुख शांति प्रदान करेगा!
सुझाव --> गंगा जल से स्नान करे! अथवा तीर्थ यात्रा करें !
सिंह -->  मनसिक रोग में  सुधार करायेगा, परन्तु बाहन दुर्घटना अथवा सामान्य दुर्घटना करा सकता है! इसी के साथ आर्थिक तंगी दे सकता है!
उपाय --> माणिक. कमलफुल, गुड, लालचंदन,लाल-वस्त्र, तांबा, केसर, स्वर्ण रविवार को दान करे!
कन्या --> स्वभाव में उग्रता लायेगा ! धन हानि के साथ मान- सम्मान में कमी ला सकता है! परिवार के साथ दुरी बना सकता है!
उपाय --> माणिक के साथ सोने का दान करे!
तुला -->  सामाजिक एवं धार्मिक यात्रा करायेगा ! परन्तु आर्थिक कष्ट के साथ परिवार से दुरी करा सकता है!
सुझाव --> आदित्य स्त्रोत का पाठ करे!
ब्रस्चिक --> उन्नति अर्थात सु- व्यवस्थित पद दिलाएगा! परिवार में सुख- शांति एवं सम्मान को बढ़ाएगा, इसी के साथ स्वास्थ्य सुधार होगा !
सुझाव -->    ॐ सूर्याय नम: मन्त्र से सूर्य का जप करे !
धनु --> वैवाहिक सुख में कमी करा सकता है! घर में बीमारी के साथ आर्थिक कष्ट दे सकता है!
उपाय --> लालचंदन,तांबा, गुड रविवार को दान करे!
मकर --> अधिकारियो से परेशानी दिला सकता है! दुर्घटना करा सकता है! मानशिक परेशानी के साथ बीमारी दे सकता है!
उपाय --> लालफुल,एवं कुंकुं डालकर सूर्य को अर्ग दें!
कुम्भ -->  शत्रुओ पर विजय प्राप्त करायेगा! मानसिक, आर्थिक सुख- शांति देगा! घर में खुशिया देगा !
मीन --> उदर (मूत्राशय ) संबंधी तकलीफ दे सकता है! परिवार से तालमेल में कमी करा सकता है!
उपाय --> लालचंदन का दान करे, आदित्य- स्त्रोत का पाठ करे!
इति सुभम    

Thursday, January 6, 2011

pitradosh--kalsrpdosh--nivarn--mantr

जय श्री क्रष्ण                                         श्री                                                            जय श्री क्रष्ण
         पित्रदोष एवं कालसर्प-दोष निवारण  हेतु करे गायत्री मन्त्र से शिव अराधना !
भागवान शिव जो संसार के सहार-कर्ता है! संसार के रचयिता ब्रम्हा पालनकर्ता श्री हरि विष्णु कल्याण करने वाले देवता है! यह वैद, पुराण एवं विध्दानो की मान्यता है! मनुष्य भागवान की अराधना किसी न किसी रूप में करता चला आ रहा है! भारतीय पुरुष शिव को कई रूपों में भजता है, पूजता है, मानता है!
           भगवान  शिव साक्षात् महाकाल  है! संसार के  अंत का कार्य इन्ही के हाथो है! सारे देव दानव,मानव किन्नर शिव की अराधना करते है! मानव के जीवन में जो कष्ट आते है, किसी न किसी पाप गह के कारण होते है! भागवान शिव को सरल तरीके से मनाया जा सकता  है! शिव को मोहने वाली अर्थात शिव को प्रसन्न करने वाली शक्ति गायत्री (गायत्री- मन्त्र) है!
         जातक को यदि जन्म पत्रिका में कालसर्प, पित्रदोष, एवं राहू- केतु तथा शनि से पीड़ा है, अथवा ग्रहण दोष है! एवं जो जातक मानसिक रूप से विचलित रहते है, एवं जिनको मानसिक शांति नही मिल रही हो! उपरोक्त वर्णित किसी भी प्रकार से पीड़ित व्यक्ति ने भगवान शिव की अराधना गायत्री मन्त्र से करना चाहिये !
       शास्त्रों  में भगवान शिव की अराधना कई प्रकार से वर्णित है, परन्तु शिव गायत्री मन्त्र का पाठ सरल एवं अत्यंत प्रभावशील है!
मन्त्र -->ॐ तत्पुरुषाय विदमहे, महादेवाय धीमहि तन्नो रूद्र; प्रचोदयात !
       

Wednesday, January 5, 2011

sntan--sukh--prapt--kre

               संतान प्राप्ति दाम्पत्य जीवन में पहला सुख होता है! नारी सन्तान प्राप्त करके धन्य हो जाती है! हर आँगन
में बच्चो की किलकारी घर के सोंदर्य एवं खुशहाली में चार चाँद लगा देती है! परन्तु कुछ दम्पत्ति इस समस्या को
लेकर परेशान हो जाते है, कुछ हल निकाल लेते है! कुछ दम्पत्ति अपने जीवन का अनमोल रत्न (बालक) न प्राप्त कर जीवन भर परेशान रहते है! कभी--कभी सन्तान प्राप्ति के बाद सन्तान दुखी रहती है, या दम्पति  सन्तान से  दुखी रहती है! इस समस्या में ग्रहों का बड़ा प्रभाव होता है! जाने बच्चो का सुख ग्रहों की शांति से कैसे प्राप्त हो!  
                कुंडली में पंचम भाव संतान का होता है! देखे ग्रह इस भाव में रहकर क्या प्रभाव देते है! यदि अशुभ प्रभाव
देते है, तो उनका उपाय निम्न प्रयोग से करिये !
सूर्य --> पंचम भाव में उच्च का सूर्य हो, तो संतान की वृद्धी करता है, परन्तु अशुभ सूर्य संतान में बाधक होता है! इसकी शांति के लिए हनुमान जी को चने का भोग लगाकर चोला चढाये !अथवा बंदरो की सेवा फल से करे!
चन्द्र --> सन्तान भाव में चन्द्र अशुभ फल दे रहा हो, तो अपने शयन वाले रूम में पलंग के नीचे तांबे की प्लेट रखे !
मंगल --> सन्तान भाव में मंगल अशुभ फल दे रहा हो, तो या गर्भ रूखने के बाद किसी प्रकार की तकलीफ आ रही हो, तो मंलवार के दिन हनुमान जी के पैर में नमक छुआकर नारी की कमर में बांध दे! परेशानी दूर हो जाएगी!
बुध--> सन्तान भाव में बुध अशुभ फल दे रहा हो, तो चतुर्थी के दिन चाँदी खरीदे, एवं धारण करे, इसी के साथ जल में कूट डालकर नहाये !
गुरु --> सन्तान भाव में गुरु अशुभ फल दे रहा हो, तो गुरुवार को केसर  का तिलक चन्दन के साथ लगाये ! एवं पिली हल्दी,पीलाचंदन, गुरु मंदिर में दान करे !
शुक्र --> सन्तान भाव में शुक्र अशुभ प्रभाव दे रहा हो, तो सफ़ेद कपडा ,सफ़ेद चंदन, चित्र,दही एवं सुंगधित सफ़ेद फुल का दान करे!
शनि -->शनि सन्तान भाव में अशुभ फल दे रहा हो, तो काले तिल जमीन में दबा दे! एवं लोहे की कील चाकू दान करे शनि मन्दिर में !
राहू --> संतान भाव में राहू अशुभ फल दे रहा हो, तो अपने पास चाँदी का चोकोर पत्र रखे ! एवं लोहे की अंगूठी मध्यमा में पहने !
केतु --> सन्तान भाव में केतु अशुभ फल दे रहा हो, तो किसी कोढ़ी या गरीब व्यक्ति को कंबल दान करे! एवं मंगल के दिन दोपहर में सीसे की अंगूठी गोमूत्र में धोकर धारण करे !
इति शुभम
  

Saturday, January 1, 2011

happy--new--year--2011

           जय श्री क्रष्ण
सभी पाठको को नवबर्ष की शुभ कामना ! सभी के लिए नया बर्ष मंगलमय हो, हर कदम पर उन्नति एवं कामयावी
मिले!  प्रभु क्रष्ण आपको हर कार्य में सफलता दें ! इसी कमाना के साथ आपका
                                                          पंडित सुरेन्द्र बिल्लोरे देवास (म. प्र.)
                                                                 भारत 9893076365